
खंडवा। तिहरे गोलीकांड की पांचवीं बरसी पर शहर में शहीदों को श्रद्घांजलि देने की तैयारी की जा रही है। वहीं दूसरी ओर अपनों की खोने वाले परिवारों की आखों से आंसू अब भी नहीं सुखे है। जेल से फरार हत्यारों के अब तक गिरफ्तार नहीं होने से आक्रोशित परिजन आतंकियों की गिरफ्तारी और फांसी की मांग कर रहे हैं। एटीएस जवान सीताराम यादव के नाम पर हॉकर्स जोन बनने से परिवार को राहत मिली लेकिन रविशंकर पारे और संजय पाल के परिवार को उनके नाम पर कोई स्तंभ स्थापित होने का इंतजार है।
शहीद एटीएस जवान सीताराम यादव का परिवार आज भी उस सदमे से नहीं उबर पाया है। मां राधाबाई और पत्नी ज्योति यादव पर दो बच्चों की जिम्मेदारी है। 9 वर्षीय रघु और 8 वर्षीय कर्ण की पढ़ाई के साथ उनकी बेहतर परवरिश की जिम्मेदारी उठा रही ज्योति का कहना है कि शासन की ओर से शहीद का दर्जा, शौर्य चक्र और राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार मिलने के साथ ही सीताराम यादव के नाम पर हॉकर्स जोन बनाकर उन्हें श्रद्घांजलि दी गई है लेकिन जब तक हत्यारों को फांसी नहीं होगी तब तक परिवार को शांति नहीं मिलेगी।
गोलीकांड में अपने जवान बेटे को खोने वाले पिता जगत पाल को संजय के बेटों के भविष्य की चिंता है। गणेश तलाई निवासी सब इंस्पेक्टर जगत पाल का कहना है कि वे संजय के बेटे 9 वर्षीय जयेश और 7 वर्षीय भावेश को पढ़ा-लिखा कर आगे बढ़ाना चाहते हैं। परिजनों की इच्छा है कि गणेश तलाई के जिस रास्ते पर उनके बेटे ने जान गंवाई उस चौराहे का नाम संजय के नाम पर होना चाहिए। इससे आने वाली पीढ़ी उसे याद रख सके।
बैंककर्मी रविशंकर पारे ने भी तिहरे गोलीकंाड में अपने प्राण गंवा दिए थे। स्व. श्री पारे के सहकर्मियों की इच्छा है कि दीनदयाल पुरम् में उनके निवास के पास स्थित उद्यान का नाम श्री पारे के नाम पर किया जाए।
तिहरे हत्याकांड की पांचवीं बरसी पर राष्ट्रभक्त वीर युवा मंच शहीदों को श्रद्घांजलि देगा। मंच के अशोक पालीवाल ने बताया कि मंच द्वारा सिमी एवं इंडियन मुजाहिद्दीन के खिलाफ युवा जनमत संग्रह कर शहीदों के हत्यारों को फांसी देने की मांग की जाएगी। इसके साथ ही मंच के कार्यकर्ता बड़ाबम चौक पर शाम 7.30 बजे कैंडल जलाकर शहीदों को श्रद्घांजलि देंगे।
28 नवंबर 2009 को तीन पुलिया क्षेत्र में दहशतगर्दों ने एटीएस के जांबाज सिपाही सीताराम यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद भागे आतंकी ने अपना पीछा कर रहे वकील संजय पाल को मौत के घाट उतार दिया था। आनंद नगर क्षेत्र में फरार होने की कोशिश में बैंककर्मी रविशंकर पारे को गोली मार दी थी। घटना के बाद मुख्यमंत्री भी खंडवा पहुंचे थे। उन्होंने एटीएस जवान सहित तीनों को शहीद का दर्जा देने एवं हत्यारों को सजा दिलवाने की घोषणा की थी।